माँ का नक्का
बरखा अपनी बेटी पल्लवी के साथ एक ट्रैवल एजेंसी चलाती है।
उनके जीवन में सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहता है जब तक कि एक नया कर्मचारी मुकुल नहीं आ जाता, जो माँ और बेटी के बीच सामंजस्य को बिगाड़ देता है।
बरखा अपनी बेटी पल्लवी के साथ एक ट्रैवल एजेंसी चलाती है।
उनके जीवन में सब कुछ सुचारू रूप से चलता रहता है जब तक कि एक नया कर्मचारी मुकुल नहीं आ जाता, जो माँ और बेटी के बीच सामंजस्य को बिगाड़ देता है।
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